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Saturday, 11 November 2017

हिन्दू लड़के ने बनाया मुसलमान लड़की को अपनी अर्धांगिनी, पर अब शादी के बाद हो रही है ये सब हरकतें

हिन्दू लड़के ने बनाया मुसलमान लड़की को अपनी अर्धांगिनी, पर अब शादी के बाद हो रही है ये सब हरकतें

नई दिल्ली: कहते हैं प्यार की कोई जुबान नहीं होती अर्थात ये बेजुबान होता है. प्यार होने के लिए इंसान को शकल, सूरत और जात-पात से कोई फर्क नहीं पड़ता. कुछ ऐसी ही सोच आज कल की नई पीड़ी की भी है. जिन्हें प्यार करने के लिए कुछ सोचना समझना नहीं पड़ता, और बस दिल देख कर ही मोहब्बत कर बैठते हैं. लेकिन, कईं बार उनकी मोहब्बत उनके लिए एक सज़ा बन जाती है. जिसको न चाहते हुए भी उन्हें भुगतना पड़ता है. कुछ ऐसा ही मामला हाल में हमारे सामने आया है.

जहाँ केरल की रहने वाली जासमी इस्मायल ने एक हिन्दू लड़के से प्यार कर लिया और फिर पूरे समाज के खिलाफ जाकर शादी कर ली. लेकिन, इनके प्यार को किसी की नजर लग गयी. जानकारी के अनुसार अब जासमी को रोज़ जान से मारने की धमकियाँ मिल रही है. अभी हाल ही में फेसबुक पर एक स्टेटस के दौरान जासमी ने सबसे मदद की फ़रियाद की है और अपनी शादी की तस्वीर डाली है. ये मलयालम पोस्ट और तस्वीर इन दिनों सोशल साइट्स पर काफी वायरल हो रही है. आज भी लोग इंटरकास्ट मैरिज के खिलाफ क्यों है? क्यों इंसान ही इंसानों में फर्क कर रहे हैं? बहरहाल, चलिए जानते हैं जासमी की कहानी आखिर क्या है…

रॉड से घायल हो चुकी हैं जासमीजासमी की अभी पिछले हफ्ते ही एक हिन्दू परिवार के लड़के से शादी हुई थी. तभी से उसको धर्म को लेकर मारने की धमकियाँ लगातार मिल रही हैं. जासमी ने बताया कि वह शादी के बाद उस लड़के के घर में बहुत खुश है. जासमी का ये भी कहना है कि वह अब इज्जत से इस दुनिया में जी सकती है. लेकिन, धर्म के खिलाफ जाकर शादी करने के कारण लोग उसको परेशान कर रहे हैं. जासमी ने कहा कि वह नहीं जानती कि उसको कब तक ये सब डर सहने होंगे. इसके इलावा एक बार जासमी पर रॉड से भी हमला हो चुका है. जासमी के अनुसार वह नहीं जानती कि आखिर कब तक वह जिन्दा रह पायेगी. पोस्ट में जासमी ने लिखा कि वह जीना चाहती है इसलिए उसको लोग परेशान ना करे, और पुलिस भी अब उनके साथ है. पोस्ट में जासमी एक बात बार बार दोहरा रही थी कि, “मैं जीना चाहती हूँ, कृपया मुझे जीने दें”. 

Sunday, 5 November 2017

मोहब्बत, शादी और शानदार जिन्दगी का कत्ल था अनुपमा हत्याकांड, पति ने किए थे 72 टुकडे, जानिए क्या थी पूरी कहानी

सात साल की बेइंतिहा मोहब्बत, प्यार को परवान चढ़ाकर घरवालों से लड़कर ग्यारह साल की शानदार शादीशुदा जिंदगी, प्यार की निशानी के तौर पर घर में खिले फूल से खूबसूरत जुड़वा बेटा-बेटी.. जिंदगी में अगर इतना सबकुछ किसी शख्स को मिला हो.. इस दुनिया में उससे ज्यादा खुशनसीब कोई नहीं हो सकता लेकिन कहानी यहीं नहीं खत्म होती
उत्तराखंड के इतिहास में हुआ था सबसे खौफनाक हत्याकांडजगह-देहरादून,

दिसंबर का वो महिना इस शानदार कहानी का भयानक अंत लेकर आया था जिसमें मोहब्बत की दर्दनाक हत्या की गई थी और शादी के बंधन के 72 टुकड़े। कहानी का इससे बुरा अंत शायद ही किसी ने सोचा होगा। दिल दहला देने वाली ये घटना देहरादून की वादियों में हुई थी। मरने वाली अनुपमा को उसके इंजीनियर पति राजेश गुलाटी ने हत्या के बाद सबूत मिटाने की पूरी कोशिश की थी, लेकिन एक दिन जब घर में पहुंची पुलिस ने घर की तलाशी ली तो राज खुल गया, और सामने आ गया उत्तराखंड का सबसे खौफनाक हत्याकांड जिसका 1 सितंबर को फैसला आना है।
कोर्ट ने राजेश गुलाटी को हत्या और सबूत मिटाने का दोषी करार दिया है। बीवी के 72 टुकड़े करने के बाद उन्हें ठिकाने लगाने वाले हैवान पति पर अब फैसला होगा। 11 दिसंबर 2010 में देहरादून में हुए अनुपमा गुलाटी हत्याकांड ने देश को झकझोर दिया था।अपर जिला जज पंचम की अदालत में 18 अगस्त को अंतिम बहस पूरी  होने के बाद गुरुवार(31 अगस्त) को राजेश को दोषी करार दिया है जिस पर सजा को ऐलान शुक्रवार (1सितम्बर)को होना है।

क्या हुआ था 11 दिसंबर 2010 को

सात साल पहले कैंट कोतवाली क्षेत्र के प्रकाशनगर में 11 दिसंबर 2010 को दस विभत्स कांड का खुलासा हुआ ‌था। सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजेश गुलाटी पुत्र सतनाम गुलाटी मूल निवासी नई दिल्ली देहरादून में पत्नी अनुपमा और दो बच्चों के साथ रहता था। 17 अक्टूबर 2010 को अनुपमा अचानक लापता हो गई। बच्चे जब मां के बारे में पूछते तो राजेश कहता कि उनकी मां नाना-नानी के घर गई हुई है। दो माह तक ऐसे ही चलता रहा। जब लंबे समय त‌क मायके के लोगों का अनुपमा की बात नहीं हुई तो 11 दिसंबर 2010 को अनुपमा का भाई देहरादून में राजेश के घर पहुंचा, मगर उसे घर में नहीं घुसने दिया। सूचना उसने पुलिस को दी। पुलिस ने घर की तलाशी ली तो एक कमरे में रखे डीप फ्रीजर से अनुपमा गुलाटी के लाश के टुकड़े मिले ।

क्या थी विभत्स कत्ल के पीछे की वजह

पुलिस के मुताबिक अक्सर अनुपमा और राजेश के बीच लड़ाई-झगड़ा और मारपीट होती थी।  17 अक्टूबर 2010 की रात भी दोनों में विवाद हुआ। मारपीट के दौरान अनुपमा के सिर बेड के कोने पर लग गया और बेहोश हो गई। राजेश ने मुंह पर तकिया रखकर अनुपमा की हत्या कर दी।  दूसरे दिन राजेश ने बाजार से डीप फ्रीजर खरीदा और लाश उसमें छुपा दी। जब खून जम गया तो राजेश ने बाजार से पत्थर काटने वाला ग्राइंडर व आरी खरीदी और उनसे लाश के टुकड़े किए। लाश को ठिकाने लगाने के लिए उसने कुछ टुकड़े पॉलीथिन में रख कर मसूरी मार्ग में पहाड़ी से नीचे फेंके।

सात साल का प्यार और 10 साल की शादी का अंत
राजेश ने अनुपमा से 10 फरवरी 1999 को लव मैरिज की थी। दोनों के बीच 1992 से अफेयर चल रहा था। शादी के बाद वर्ष 2000 में राजेश, अनुपमा को लेकर यूएस चला गया। वहां जून 2006 में उन्हें जुड़वा बच्चे सिद्धार्थ और सोनाक्षी हुए। वर्ष 2008 में दोनों दिल्ली आ गए। इसके बाद राजेश परिवार समेत देहरादून आ गया।

हिन्दू लड़के ने बनाया मुसलमान लड़की को अपनी अर्धांगिनी, पर अब शादी के बाद हो रही है ये सब हरकतें

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